मौत खड़ी थी सर पर
इसी इंतजार में थी
ना झूकेगा ध्वज मेरा
15 अगस्त के मौके पर
तू ठहर इंतजार कर
लहराने दे बुलंद इसे
मैं एक दिन और लड़ूंगा
मौत तेरे से…
मंजूर नही है कभी मुझे
झुके तिंरगा स्वतंत्रता के मौके पे
कोटि कोटि नमन व् श्रद्धांजलि
भारत रत्न वाजपेयी जी
R.I.P