Home » Dard Shayari
मेरे दिल की आवाज को तुम नहीं समझोगे ..
मेरी आंखों की नमी को तुम नहीं समझोगे..
अपने दिल में पहले तस्वीर लगाओ मेरी….
अभी मेरा दर्द-ए-दिल तुम नहीं समझोगे..
~ शशांक अग्रवाल
Mere dil ki awaj ko tum nahi samjhoge..
Meri ankho ki nami ko tum nahi samjhoge..
Apne dil me phle tasvir lagao meri….
Abhi mera dead-e-dil tum nahi samjhoge..
~ Shashank Agrawal
kash apne begane na hote
Name -a-afsane na hote
Jindagi gair na hoti
Or dil todne ke bahane na hote
~ nafeesha ali
काश अपने बेगाने न होते
नाम-ए-अफसाने न होते
जिंदगी गैर ना होती
और दिल तोड़ने के बहाने ना होते
~ नफीशा अली
Kaun kahata hai haime dard nahi hota
Kaun kahta hai hamara dil nahi tutata.
Dard bhi hota hai dil bhi tutata hai
Par ye sab dekhane wala koi nahi hota
~ Kamini
कौन कहता है हमें दर्द नहीं होता
कौन कहता है हमारा दिल नहीं टूटता।
दर्द भी होता है दिल भी टूटता है
पर ये सब देखने वाला कोई नहीं होता
~ कामिनी
Kisi se prem ki chaah thi humko
Kisi se jeene ki umeed thi humko
Vo mere jisme e jigar ko kyon rula gaya
Jis se saare khwab sajane ki fitrat thi humko
~ Abhi raja Farrukhabadi
किसी से प्रेम की चाह थी हमको
किसी से जीने की उम्मीद थी हमको
वो मेरे जिस्म ए जिगर को क्यों रुला गया
जिससे सारे ख्वाब सजाने की फितरत थी हमको।।।
~ अभी राजा फर्रुखाबादी
मेरी कहानी में कई किरदार हैं
पर वो एक ही तो मुझे खुश रखता हैं
मेरी कहानी में कई दर्द हैं
पर ये दर्द ही तो मुझे ज़िंदा रखता हैं
~ विशाल
Meri kahani me kayi kirdar hai
Par wo ek hi to muje khush rakhta hai
Meri kahani me kayi dard hai
Par ye dard hi to muje zinda rakhta h
~ Vishal
कुछ बचा ही नहीं अब खोने को,
अश्क भी निकलते नहीं अब रोने को ।
~ NK
कुछ दर्द जो दिल में घर कर गए…
कुछ आसूँ जो आँखों से छलक गए…
अपने दिल का दर्द हम बताते भी किसको…?
जब अपने ही उन आँसुओं की वजह बन गए!!
~ आयुषी शर्मा
गिराया जिसे अपनों ने वो उठकर फिर क्या करता
परायों से जो लड़ा नहीं वो अपनों से क्या लड़ता
~ अतुल शर्मा
Giraya jise apno ne Wo uthkar fir kya karta
Parayo se jo lada nahi Wo Apno se kya ladta
~ Atul Sharma
तेरी बातों का असर जो छाया है मेरे दिल पर
यक़ीनन मुझे तड़पाएगा अब ये रात भर
सोचा भूल जाऊंगा तुझे अब करूँगा ना याद
मगर दर्द ही मिला मुझे, तुझे भूल कर
क्या प्यार में सोचा था, क्या प्यार में पाया हैं,
तुझको मिलाने की चाहत में, खुद को मिटाया हैं,
इस पर भी कोई इलज़ाम, ना तुझ पर लगाया हैं
मेरी ही ख्वाईशो ने, आज मुझे अर्थी पर सुलाया हैं
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