2 शमा और परवाने की इश्क़ मोहब्बत शायरी Posted on September 6, 2018 by Ranjana ना जाने मुहब्बत में कितने अफसाने बन जाते है, शमां जिसको भी जलाती है, वो परवाने बन जाते है। कुछ हासिल करना ही इश्क कि मंजिल नही होती, किसी को खोकर भी, कुछ लोग दिवाने बन जाते है। Share This Related posts: टूट कर बाहो में बिखर जाने दो हैप्पी वैलेंटाइन्स डे कविता वो मोहब्बत ही क्या जिसके काबिल ना बन सके इज़हार -ए- इश्क़ कविता हिंदी में मोहब्बत और दोस्ती कैसे जीऊ मैं खुशहाल ज़िन्दगी | एक और अधूरी मोहब्बत इश्क़ का मुज़रिम, दिल की अदालत
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