आशिक़ अपनी माशूका से जो की दुल्हन बनने जा रही हैं : –
हमारी ज़िंदगी तो कब की भिखर गयी
हसरते सारी दिल में ही मर गयी
चल पड़ी वो जब से बैठ के डोली में
हमारी तो जीने की तमन्ना ही मर गयी
माशूका जवाब में कहती हैं –
झांखकर देखा होता एक बार तो डोली के अंदर,
के हो गया हैं अब मेरी भी ज़िंदगी का पूरा सफर
तेरे साथ साथ अब मेरी भी मंज़िल ख़त्म हो गयी
बताने ना दिया तूने और कह दिया तू बेवफा हो गयी