जाने क्यूँ आजकल, तुम्हारी कमी अखरती है बहुत
यादों के बन्द कमरे में, ज़िन्दगी सिसकती है बहुत
पनपने नहीं देता कभी, बेदर्द सी उस ख़्वाहिश को
महसूस तुम्हें जो करने की, कोशिश करती है बहुत
दावे करती हैं ज़िन्दगी, जो हर दिन तुझे भुलाने के
किसी न किसी बहाने से, याद तुझे करती है बहुत
आहट से भी चौंक जाए, मुस्कराने से ही कतराए
मालूम नहीं क्यों ज़िन्दगी, जीने से डरती है बहुत।
kya baat hai maza aa gaya.All shayaris are gazab awesome.I m inspiring a lot.Thanks
nice one
जब याद आती है…
जब याद आती है आपकी तो मुस्कुरा लेते हैं,
कुछ पल के लिए गम भुला लेते हैं,
कैसे भीग सकती हैं आपकी पलकें,
जब आपके हिस्से के आँसू हम बहा लेते हैं।
Good
मंजिल मिले ना मिले
ये तो मुकदर की बात है !!
हम कोशिश भी ना करे
ये तो गलत बात है….!!
Right
NICE..KIYA KAHU BAS PUCHO MT…
Gajab
so nice
Hii…
I am harsh..
I like heart touching shayari..
Hi, I like shayari so much so am learning Hindi just to understand Shayari.
Lajawaab……..!!!!!!
boHOT khob