जब रंग मोहब्बत का चढ़ता है,
तो ख्वाहिशे शौकीन हो जाती है।
वादियां हँसीन और फिज़ाये संगीन हो जाती है,
दिल में चेहरा सिर्फ दिलबर का होता है ,
और सारी दुनिया रंगीन हो जाती है।
इश्क़ में मेहबूबा के दीवाने इस कदर मगरूर हो जाते है,
दुनिया के लिए अज़िब और आशिकी में अज़िज़ बनकर,
सारी दुनिया में मशहूर हो जाते है।
-आयुष्मान पांडेय