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इस बार वो मुझे लुटे……………., तो पूरी तरह लुटे
आवाज़ किसी को ना आये मगर दिल पूरी तरह टूटे
~ मुदित कौशिक
थी मोहब्बत हमे उनसे इतनी,
ना जाने क्या कमी पड़ गयी,
वो चली गयी ये बोलकर हमसे,
तेरी मोहब्बत में बेईमानी भर गयी
~ शाकिब खान
Matlabi Duniya Par Shayari
तुम्ही को मुबारक रहे दोस्तों, मुझे ऐसी दुनिया नहीं चाहिए
अपने ही मतलब से भरी इस दुनिया में कैसे कैसे हैं लोग
पिघलती नहीं आंसूओ से कभी, ये दुनिया वह पत्थर की दिवार हैं
किसी के गम से इसे क्या काम, ये दुनिया ख़ुशी की खरीददार हैं
ये दुनिया तो हैं एक नीलाम घर, यहाँ ज़िन्दगी बेच देते हैं लोग
किसे अपना, किसे अजनबी समझें, यहाँ मोहब्बत तक बेच देते हैं लोग
तुम्ही को मुबारक रहे दोस्तों, मुझे ऐसी दुनिया नहीं चाहिए
अपने ही मतलब से भरी इस दुनिया में कैसे कैसे हैं लोग
मेरी तन्हाई को अब एक मेहमान चाहिए
मुझको फरेबी नहीं, एक इंसान चाहिए
अँधेरे है ज़िन्दगी में दूर तलक बहुत
मुझको उजालों का कारवां चाहिए…..!!
तेरी बातों का असर जो छाया है मेरे दिल पर
यक़ीनन मुझे तड़पाएगा अब ये रात भर
सोचा भूल जाऊंगा तुझे अब करूँगा ना याद
मगर दर्द ही मिला मुझे, तुझे भूल कर
भूलूँगा अगर तुझे, तो जी ना पाउँगा
याद भी रखा अगर, तो मर जाऊंगा
~ आर्यन
तुम क़रीब हो मगर फ़िर भी तुम्हारे बदन से वो मोहब्बत की खूश्बू आती नहीं।
इन हवाओं का रूख भी बदल रहा है, लगता है तुम्हें अब सोहबत मेरी भाती नहीं।
~ नीरज कुमार