0 तुम्हीं मेरी ज़िंदगी हो ऐ प्रियतम Posted on October 22, 2020 by techi तेरा गर साथ मुझको मिल जाए, दिल की बगिया में फूल खिल जाए। तुम्हीं मेरी ज़िंदगी हो ऐ प्रियतम, हमसफ़र प्यार तेरा मिल जाए। ~ जितेन्द्र मिश्र ‘बरसाने’ Share This Related posts: ज़िंदगी जीने का नया ढ़ंग होना चाहिए तुम मेरी सरगम बनो और मैं संगीत ज़िंदगी का कारवां यूं ही चलता गया जिंदगी अब बदल गई मेरी मजबूरी को समझो मैं गुनाहगार नहीं जिंदगी बदल कर, खुद ही बदल गया माँ तुझसे ये दुनिया मेरी, तुझसे ही जीवन, माँ पर कविता