0 यश का परचम फहरता रहे Posted on November 10, 2021 by techi मन का सूरज चमकता रहे, सुख का उपवन महकता रहे। खुशी आंगन में खेलें सदा, यश का परचम फहरता रहे। ~ जितेंद्र मिश्र ‘भरत जी’ Share This Related posts: विश्व में परचम लहरा रही हिंदी आज उनसे फिर मुलाकात हुई रंगों का पर्व होली जीवन रूपी सदी है मां फ़ंसा आदमी माया में प्रेरणादायक शायरी अनुभव पर घर के बुजुर्ग, त्यौहार और प्यार