Home » Poems for Her
जब भी मिलने आती है, वो सामां छोड़ जाती है,
मेरी गर्दन पे, अपने लब, बना के छोड़ जाती है।
न जाने कौन सा तूफां उमड़ता, उसके आने पे,
जाती है तो हरदम, मुझको बेजां छोड़ जाती है।
अकीदत है, कि मुझसे बारहा वो पूछती है पर,
अरमां ले के आती है औ’ अरमां छोड़ जाती है।
आती ख़ुद नही जब, याद अपनी छोड़ जाती है,
मुश्किल जिंदगी को, ऐसे आसां छोड़ जाती है।
दिया तो है यकीनन ज़िन्दगी का वास्ता मुझको,
अधूरा हर दफ़ा किस्सा, मेरी जां छोड़ जाती है।
~ Anupam Shah
जब कोई आशिक़ अपने प्रेमी को पा नहीं पाता हैं, तब कुछ ऐसी पंक्तिया निकलती है| ऐसे ही इस कविता में एक लवर अपने पार्टनर से दूर हो चूका हैं, और अब उसने अपने आपको समझा भी लिया हैं, और कोई शिकवा भी उससे नहीं हैं| पर सच्चा प्यार हमेशा अपने प्रेमी के लौटने की आस में रहता है| बस यही कुछ दिल से निकली प्यार भरी लाइन्स एक प्रेमी की याद में आपके सामने प्रस्तुत हैं|
रंजिश क्या करे हम उनसे
ये अपना दिल है जो उनका हो चला
उनको पाने की ज़ुस्तजु में
मैं अपना वजूद ही खो चला
शिखवा नहीं कुछ उनसे
वो शायद मेरी तक़दीर ना थे
समझने में हमने गलती की
वो उन ख़्वाबों के ताबीर ना थे
संभाल लिया हैं खुद को
पर ये आँखें परेशान करती है
जो उनकी तस्वीर को लिए
बड़ी शिददत से उनका इंतजार करती हैं
निकल पड़ा हूँ उस रास्ते पे
जो कभी ख़त्म नहीं होता
रुक जाता उस वक़्त अगर तूने
….एक बार भी रोका होता
आते हैं आज भी वो सपने
जब कभी गलती से, मैं सोता
बनाता हूँ ख़यालो में चेहरा तेरा
की दिल से अक्स तेरा नहीं होता
चाहता हूँ की रोकर गम भुला दू
पर कम्बक्त दिल ही नहीं होता
बहुत खायी हैं इस दिल ने चोटें
की अब दिल को दर्द भी नहीं होता
Hote agar paas toh koyi shararat karte
Lekar tumhe baho mein mohabbat karte
Dekhte teri aankho mein nind ka khumar
Apni khoyi huyi nindo ki shikayat karte
Aankho mein teri, apna aks dhundte,
Jaan se bhi jyada tujhe chaha karte
Sirf ek dil hi toh tha wo b tere paas hai
Raat raat bhar jag k kiski hifajat karte
Mere majhab mein shirk haraam hai
Warna dil-o-jaan se teri ebadat karte
आसमान से तारे तोड़ लाता, अगर बस में मेरे होता
तेरे कदमो में जन्नत बिछाता, अगर बस में मेरे होता
तुझे दुनिया की सेर करा, एक नया ही जहां दिखलाता
तेरी राहों में फूल बिछाता, अगर बस में मेरे होता
तेरे ख्वाब की हक़ीक़त बन, सपने सारे सच कर जाता
तेरे दर्द को खुद पर झेल जाता, अगर बस में मेरे होता
मैं खुद को तेरा आईना और एक तस्वीर निराली बनाता
तेरे आंसू को अपनी आँखों से गिराता, अगर बस में मेरे होता
तेरे लिए एक ताजमहल बनवाता, प्यार मेरा सबको दिखलाता
खुदा बन तेरी हर एक दुआ पूरी करता, अगर बस में मेरे होता
कितनी मोहब्बत हैं तुमसे मुझे ये तुम्हे समझाने के लिए
अपना दिल तेरे दिल में धड़काता, अगर मेरे बस में होता