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उसको पाने की ज़ुस्तजु में अपना वजूद खो चला

जब कोई आशिक़ अपने प्रेमी को पा नहीं पाता हैं, तब कुछ ऐसी पंक्तिया निकलती है| ऐसे ही इस कविता में एक लवर अपने पार्टनर से दूर हो चूका हैं, और अब उसने अपने आपको समझा भी लिया हैं, और कोई शिकवा भी उससे नहीं हैं| पर सच्चा प्यार हमेशा अपने प्रेमी के लौटने की आस में रहता है| बस यही कुछ दिल से निकली प्यार भरी लाइन्स एक प्रेमी की याद में आपके सामने प्रस्तुत हैं|

 

रंजिश क्या करे हम उनसे
ये अपना दिल है जो उनका हो चला
उनको पाने की ज़ुस्तजु में
मैं अपना वजूद ही खो चला

 

शिखवा नहीं कुछ उनसे
वो शायद मेरी तक़दीर ना थे
समझने में हमने गलती की
वो उन ख़्वाबों के ताबीर ना थे

 

संभाल लिया हैं खुद को
पर ये आँखें परेशान करती है
जो उनकी तस्वीर को लिए
बड़ी शिददत से उनका इंतजार करती हैं

 

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