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ज़िन्दगी में जो चाहते है साला वो ही नहीं मिलता

 

जिन आँखों में ख्वाब रहा करते थे उनमें ये डर कैसा है?
जिस घर मुझे घर सा नहीं लगता ये मेरा घर कैसा है?

नाज़ुक सी ज़िन्दगी इतने कठोर सवालो से भरी क्यों है?
जो मुझे चाहिए वो किसी और की बाहों में भरी क्यों है?

इन सवालो के जवाब में नए सवाल क्यों है?
वो भी एक आम सा ही लड़का होगा आखिर
उसके लिए इतना बवाल क्यों है?

मेरी तरह क्यों कोई नहीं मिलता ?
दिल मिलकर दिल क्यों नहीं मिलता ?

हमसे ज़िन्दगी कुछ खास मोहब्बत करती है क्या?
जो चाहते है साला वो ही नहीं मिलता….

 

~ रोहित सुनार्थी

 

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ख़ुदा करें हालात मेरे इस क़दर न हो

ख़ुदा करें हालात मेरे इस क़दर न हो
बात मैं करूं तो बात में असर न हो

ग़म है के आलम है मेरे जिंदगानी का
ज़ख़्म आए मुझे पर उसे ख़बर न हो

बात कही जाए पर न जाए लबों से
है यक़ीं के पता उसे कुछ मगर न हो

माना के राह-ए-इश्क़ में कांटें है गिरे
नसीब मुझे ऐ ख़ुदा ऐसी डगर न हो

मरीज़ हूं मैं दिल का, मरीज़ ही रहूं
इलाज के लिए ही कोई चारागर न हो

मैं जानता हूं उसका दिल तो है कांच का
तोड़ना चाहूं तो हाथ में पत्थर न हो

दुनिया से जुड़ा है रंज-ओ-गम का वास्ता
इस दुनिया में दूर तक मेरी नज़र न हो

इक उम्र गुज़ारी है मुहब्बत में ‘ज़ाफ़िर’
मुश्किलें रहें पर इश्क़ का सफ़र न हो

~ Rohan Gangurde

 

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अब हम कुछ बदले बदले से हो गए

हाँ तो अब हम कुछ बदले बदले से हो गए हैं
उलझे से थे अब कुछ सुलझे से हो गए हैं

अब हम हँसतें हैं लोगो को हंसाने के लिए
अपना दिल-ए-हाल सब से छुपाने के लिए

अब हम अपने दिल का हाल उन्हें बताते नहीं हैं
हमे तकलीफ हो रही ये उनको बताते नहीं है

अब उन्हें परेशान कम किया करते हैं
वो हमे भूल जाये ये मौका भरपूर देते हैं

पर हम उनकी मुस्कान को भला कैसे भुलायेंगे
इस एक तरफा प्यार को भला अब किसे दिखाएंगे

प्यार वही है बस अब उनको बताते नहीं
पर सच तो यही है उनको हम भूल पाते नहीं

अब भी हम उनमे खोते जा रहे
वो हमारे नहीं पर हम उनके और भी ज्यादा होते जा रहे है

 

~ Dhananjay Verma

 

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मुझे फिर से एक बार मरना होगा

तुझे फिर से प्यार करना होगा,
तेरा फिर से ऐतबार करना होगा।

तेरे साथ जीने की आरज़ू में,
मुझे फिर से एक बार मरना होगा।

सरे आम मिली थी जो जिल्लत तुझसे,
मुझसे भूले नहीं भूली जाती।

सब भूल कर आगे बढ़ना होगा,
मुझे फिर से एक बार मरना होगा।

तेरा हर इल्ज़ाम मेरे दिल पर एक ज़ख्म है,
तेरे दिल में मेरे लिए नफरत ज़्यादा प्यार कम है।

आज हर उस ज़ख्म को भरना होगा,
मुझे फिर से एक बार मरना होगा।

मेरे आंसुओं में मेरी सच्चाई थी,
फिर मैंने तेरी कसम भी तो खायी थी।

तुझे ऐतबार मेरा आज करना होगा, वरना…
मुझे फिर से एक बार मरना होगा।
मुझे फिर से एक बार मरना होगा।।

 

~ निशा अरोड़ा (हिना)

 

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उसको पाने की ज़ुस्तजु में अपना वजूद खो चला

जब कोई आशिक़ अपने प्रेमी को पा नहीं पाता हैं, तब कुछ ऐसी पंक्तिया निकलती है| ऐसे ही इस कविता में एक लवर अपने पार्टनर से दूर हो चूका हैं, और अब उसने अपने आपको समझा भी लिया हैं, और कोई शिकवा भी उससे नहीं हैं| पर सच्चा प्यार हमेशा अपने प्रेमी के लौटने की आस में रहता है| बस यही कुछ दिल से निकली प्यार भरी लाइन्स एक प्रेमी की याद में आपके सामने प्रस्तुत हैं|

 

रंजिश क्या करे हम उनसे
ये अपना दिल है जो उनका हो चला
उनको पाने की ज़ुस्तजु में
मैं अपना वजूद ही खो चला

 

शिखवा नहीं कुछ उनसे
वो शायद मेरी तक़दीर ना थे
समझने में हमने गलती की
वो उन ख़्वाबों के ताबीर ना थे

 

संभाल लिया हैं खुद को
पर ये आँखें परेशान करती है
जो उनकी तस्वीर को लिए
बड़ी शिददत से उनका इंतजार करती हैं

 

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